Sankashti Chaturthi 2022: Day, date, time, rituals and significance

संकष्टी चतुर्थी 2022 -

साल में आने वाली संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी का महत्व सनातन धर्म में अत्यधिक माना जाता है, क्योंकि दोनों चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा का विधान है.. हर माह में दो चतुर्थी आती है, एक संकष्टी चतुर्थी जो कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर आती है और दूसरी विनायक चतुर्थी जो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर आती है.. भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा – अर्चना करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामना निर्विघ्न पूर्ण होते है.. बप्पा भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उनके सभी संकट दूर कर देते हैं. नवंबर माह में संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा.

9 नवंबर, दिन बुधवार के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत होगी और इसी माह की 12 तारीख को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और मंत्र जाप आदि के बारे में.

 

संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022  

संकष्टी चतुर्थी के व्रत का पारण चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही किया जाता है. बता दें कि चतुर्थी तिथि का आरंभ 11 नवंबर 2022 रात 08 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 12 नवंबर 2022 रात 10 बजकर 25 मिनट तक होगा. इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 21 मिनट बताया जा रहा है.

 

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की कृपा पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मार्गशीर्ष माह की संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इस दिन मंदिर में जाकर गणेश जी की पूजा की जाती है. कहते हैं कि पूजा के दौरान गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है. इससे वे जल्द प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.