Kartik Month 2022: Know Do’s And Don’ts Of This Auspicious Month

Importance of Kartik Month -

10 अक्टूबर यानि आज कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और सोमवार का दिन है. प्रतिपदा तिथि आज दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगी.. 10 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू हो गया है, कार्तिक महीना 10 अक्टूबर से शुरू होकर 8 नवम्बर तक रहेगा. कार्तिक के साथ ही कार्तिक महीने के यम-नियम आदि भी आज से शुरू हो गए हैं.. अन्य महीनों की तुलना में कार्तिक का अपना एक अलग महत्व है, जिस प्रकार सावन में भगवान शिव की पूजा का बड़ा ही महत्व होता है, ठीक उसी प्रकार कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है.. कार्तिक मास में विष्णु भगवान की पूजा से जीवन में सुख-सौभाग्य की बढ़ोतरी होती है.. इस महीने के दौरान विष्णु पूजा करने से दीर्घायु प्राप्त होती है और अचानक आने वाले संकट समाप्त होते हैं.. आईए जानते है कार्तिक मास का महत्व और किन नियमों का करना चाहिए पालन…

 

कार्तिक मास का महत्व

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार चातुर्मास का सबसे प्रमुख मास होता है कार्तिक मास. कार्तिक मास की ही देवोत्‍थान एकादशी पर भगवान विष्‍णु चार महीने की निद्रा के बाद जागृत होते हैं.. इस महीने में भगवान विष्‍णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्‍व माना गया है.. इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह आयोजित होता है.. कार्तिक मास में गंगा स्‍नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्‍ठान परम फल देने वाले माने गए हैं, इनको करने से आपके कष्‍ट दूर होने के साथ पुण्‍य की प्राप्ति होती है और ग्रह दशा भी सुधरती है.. कार्तिक मास में ही धनतेरस, दीवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्‍वपूर्ण व्रत त्‍योहार पड़ते हैं..

 

कार्तिक मास में बरते सावधानी…

कार्तिक मास में स्‍नान, दान, पूजा-पाठ, भोजन और दिनचर्या को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.

  • कार्तिक मास चातुर्मास का आखिरी और चौथा महीना होता है. इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. अपनी इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए और गलत विचार भी मन में नहीं आने देना चाहिए.
  • कार्तिक महीने में देर तक नहीं सोना चाहिए बल्कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करना चाहिए.
  • कार्तिक मास में लहसुन, प्‍याज, तामसिक पदार्थ जैसी चीजें का सेवन नहीं करना चाहिए.. कार्तिक महीने में सात्विक भोजन ही करना चाहिए. वरना माता लक्ष्‍मी नाराज हो सकती हैं.
  • कार्तिक मास में जमीन में सोने से भगवान प्रसन्‍न होते हैं.
  • कार्तिक मास में घर में तामसिक चीजें लाना भी वर्जित बताया गया है वरना मां लक्ष्‍मी ऐसे घर से चली जाती हैं और कभी वहां वास नहीं करती हैं. मां लक्ष्‍मी का जाना जीवन में गरीबी का आना है.

कार्तिक मास में किसी महिला का अपमान न करें. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं.