Masik Durga Ashtami -
सनातन धर्म में अष्टमी को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा व व्रत किया जाता है। हर हिन्दू मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत को देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहा जाता है। सनातन कैलेण्डर के अनुसार अष्टमी एक माह में दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की अष्टमी में देवी दुर्गा का व्रत किया जाता है।
मासिक दुर्गा अष्टमी मुहूर्त
बुधवार, 30 नवंबर 2022 से लेकर 01 दिसंबर, दिन गुरूवार तक रहेगी
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि व्रत प्रारंभ 30 नवंबर 2022, दिन बुधवार, प्रात: 08 बजकर 58 मिनट से 01 दिसंबर 2022, दिन गुरूवार, प्रात: 7 बजकर 21 मिनट पर समापन होगा।
इस प्रकार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 30 नवंबर और 01 दिसंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा।
मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के दिन देवी दुर्गा का व्रत करने से जगदंबा माता की कृपा प्राप्त होती है. भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। घर में सुख-समृद्धि, धन-लक्ष्मी आती है। देवी दुर्गा अपने भक्तों से अथाह प्रेम करती है, इसलिए जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से देवी दुर्गा की पूजा करता है, उसके जीवन की सभी बाधाएं देवी खुद दूर करती है।
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि
दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान के पानी में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें।
लकड़ी की चौकी लें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
लाल या उधल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिठाई आदि से मां दुर्गा के सभी रूपों की पूजा करें।
फिर धूप-दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती करना न भूलें।
इसके बाद हाथ जोड़कर देवी दुर्गा के सामने व्रत का संकल्प ले।