कुंभ संक्रांति में भगवान सूर्य देव का राशि परिवर्तन होता है, जिसे कुंभ संक्रांति कहते है.. 13 फरवरी सोमवार के दिन भगवान सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे.. कुंभ राशि में पहले से ही शनिदेव विराजमान है, ऐसे में कुंभ राशि में सूर्य देव के आगमन पर किन राशियों पर इसका प्रभाव शुभ और किन राशियों पर इसका प्रभाव अशुभ रहने वाला है, ये आगे जानेंगे..
भगवान सूर्य देव माह में 30 दिनों के बाद राशि परिवर्तन करते है, जिसे संक्रांति के रूप में पूजते है.. संक्रांति के दिन दान, स्नान, जप आदि का विशेष महत्व बताया गया है और ऐसे में याचक यदि संक्रांति के दिन दान, स्नान, जप करता है तो उसे कई गुणा यज्ञों की फल प्राप्ति होती है.. आईए जानते है कुंभ संक्रांति के दिन क्या-क्या करें…
कुंभ संक्रांति के दिन क्या करें?
कुंभ संक्रांति मुहूर्त
सनातन पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 13 फरवरी को ब्रह्म-मुहूर्त में 3 बजकर 41 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। सनातन धर्म में उदया तिथि की मान्यता अधिक होती है, अत: 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति है। इसी प्रकार पुण्य काल सुर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.. इस अवधि में पूजा, जप, तप और दान कर सकते हैं..
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