कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाएगी. इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं. सनातन धर्म में कई वृक्षों को पूजनीय माना गया है, इन्हीं में से एक है आंवला. अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा कर उसी के नीचे भोजन करने का विधान है.. आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. मान्यता है कि इस दिन इनकी पूजा से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और जीवन में खुशहाली आती है.. आइए जानते हैं आंवला नवमी कब है, मुहूर्त और महत्व
आंवला नवमी 2022 कब?
आंवला नवमी साल 2022 में, 2 नवंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ में सूत बांधकर परिक्रमा लगाई जाती है. मान्यता है इससे मनचाहा फल प्राप्त होता है.
आंवला नवमी 2022 मुहूर्त
सनातन पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि 01 नवंबर 2022 को रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 02 नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट पर होगा. आंवला नवमी का पर्व 02 नंवबर को मनाया जाएगा.
पूजा का मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 34 मिनट से – दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:55 से दोपहर 12:37
आंवला नवमी महत्व
पद्मपुराण के अनुसार आंवले का वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप माना गया है. कहते हैं आंवला नवमी के दिन इसकी पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु, ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्गण और फलों में प्रजापति का वास होता है. इसकी उपासना करने वाले व्यक्ति को धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है. आंवले की पूजा करने से गौ दान करने के समान पुण्य मिलता है. सुख-समृद्धि और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय नवमी का दिन बहुत उत्तम फलदायी माना गया है.
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