महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाएगा.. कहते है जब शिव और पार्वती का मिलन हुआ, उस समय सबसे ज्यादा काली रात्रि थी, सृष्टि का प्रारंभ भी महाशिवरात्रि के दिन हुआ था.. महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त भगवान शिव औऱ देवी पार्वती का विवाह करवाते है.. भगवान शिव के मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी होती है.. फाल्गुन माह में शिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्त पूरे दिन शिव की उपासना करते है, जलाभिषेक कर व्रत का आरंभ करते है.. कहते है शिवरात्रि के समय पूरी रात्रि हवन, यज्ञ होता है, क्योंकि उस समय भगवान शिव का विवाह माता गौरी के साथ होता है.. शिव और शक्ति के मिलन में पूरा ब्राह्मांड साक्षी होता है.. मंत्रों की ध्वनि, ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ ही यज्ञ से निकली हुई आहूती संसार को पवित्र करती है.. ऐसे समय भगवान शिव और माता पार्वती अपने भक्तों की पुकार सुन पृथ्वी पर आते है.
अक्सर लोगों को इस बात का ज्ञान नहीं होती कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा कैसे की जाएं.. पूजा के समय शिवलिंग पर क्या अर्पित किया जाएं.. किन चीजों में सावधानी बरतनी है और किन चीजों को नियम रूप से करना है, इस बात का आभास नहीं होता.. व्रत का प्रारंभ और पारण कैसे किया जाएं, ये सभी अहम जानकारी आपको आगे बताते है.. पहले जानते है महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त –
वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 की रात्रि 8 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 19 फरवरी 2023 सायंकाल 4 बजकर 19 मिनट तक रहने वाला है.
यदि बात करें इस दिन के शुभ मुहूर्त की तो 18 फरवरी को सांयकाल 6 बजकर 41 मिनट से रात्रि 9 बजकर 47 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा.. इसके बाद 18 फरवरी को ही रात्रि 9 बजकर 47 मिनट से रात्रि 12 बजकर 53 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है.. अगले दिन 19 फरवरी को रात्रि 12 बजकर 53 मिनट से सुबह तक 7 बजकर 06 मिनट तक शुभ मुहूर्त होगा. व्रत रखने वाले जातक 19 फरवरी 2023 की सुबह 6 बजकर 11 मिनट से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक व्रत का पारण कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि पर क्या करें, क्या नहीं?
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