साल 2023 का रहस्य -

नए साल का उत्सव हर कोई मनाता है, नए साल में क्या कुछ नया करना है इसकी तैयारी (प्लानिंग) हर कोई करता है, नए साल में लोग प्रण लेते है, कि जो पिछले साल रह गया वो अगले साल कर लेंगे, लेकिन नए साल के अंकों का अनुमान सकारात्मक रहेगा या नकारात्मक ये कोई नहीं समझ पाता.. जी हां हम बात कर रहे है साल के अंकों का, जो एक अलग ही संदेश लेकर आता है, ज्योतिष इस गणना को जान और समझ पाते है किंतु आम व्यक्ति नहीं समझ पाता.

 

ज्योतिषी गणना के मुताबिक देखा जाएं तो 2023 = 2+0+2+3 = कुल 7 अंकों का बनता है.. 7वां अंक आमतौर पर छाया ग्रह केतु को दर्शाता है.. केतु ग्रह एक रूप में स्वरभानु नामक दानव के सिर का धड़ है.. यह सिर समुद्र मन्थन के समय मोहिनी रूपी भगवान विष्णु ने काट दिया था और इसे एक छाया ग्रह के तौर पर देखा जाता है.. माना जाता है कि इसका लोगों के जीवन और पूरी सृष्टि पर अत्यधिक प्रभाव रहता है.. कुछ मनुष्यों के लिये ये ग्रह प्रसिद्धि पाने का सहायक होता है.. केतु ग्रह की छवि की बात करें तो, ये सिर पर कोई रत्न या तारा लिये हुए दर्शया जाता है, जिसमें से रहस्यमयी प्रकाश निकल रहा होता है.. केतु ग्रह को अच्छाई और बुराई दोनों के रुप से जोड़ा जाता है.. जन्म के समय कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है, कि ग्रहों का योग शुभ है या अशुभ.. अब 2023 का योग 7 है, इसलिए इस वर्ष गुप्त यानि की छुपे हुए शत्रुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और ग्रह की स्थिति के आधार पर व्यक्ति ऐसे समय सफल भी होते हैं.. शत्रुओं की सफलता के साथ-साथ ये साल गुप्त रोगों में, कर्जों में वृद्धि भी करेगा.. तंत्र और मन्त्र में भी वृद्धि के आसार होंगे, क्योंकि ये भी गुप्त क्रियाएं, यानि गुप्त कार्य हैं.. कुल मिलाकर इस वर्ष किसी भी प्रकार की छिपी हुई गतिविधियों में वृद्धि होगी.

 

निवारण कैसे करें/ कैसे बचें?

सभी ग्रहों की तरह केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय भी हैं.. कहते है काला कुत्ता, ग्रह केतु का प्रिय है, उन्हें प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को दूध पिलाएं या खाना खिलाएं और यह कार्य सूर्यास्त के बाद करना चाहिए या आप सूर्यास्त के बाद केतु बीज मंत्र – ॐ स्रां श्रीं स्रौं सः केतवे नमः का 108 बार जाप कर सकते हैं.