साल 2022 का आखिरी महीना दिसंबर शुरू हो चुका है, 9 दिसंबर 2022 से पौष माह आरंभ होगा. हर माह में भगवान गणेश की प्रिय चतुर्थी 2 बार आती है। पहली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, जिसे हम संकष्टी चतुर्थी कहते है और दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे हम वरद विनायक चतुर्थी कहते है। पौष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 11 दिसंबर 2022, दिन रविवार को है। आईए जानते है संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन कौन-से उपाय करें?
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
सनातन पंचागं के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 11 दिसंबर 2022 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 12 दिसंबर 2022 को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर किया जाएगा.
चंद्रोदय का समय – 11 दिसंबर 2022 को रात 08 बजकर 11 मिनट पर
संकष्टी चतुर्थी महत्व
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत जीवन में सौभाग्य की वृद्धि करता है. मान्यता है कि इस दिन एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी गणपति को तिल के लड्डू, दूर्वा अर्पित करने से ज्ञान और ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है. कहते है जो लोग पौष माह की संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखकर गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करते है और फिर चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं उन्हें दीर्धायु का वरदान मिलता है. संकष्टी चतुर्थी पर दिनभर व्रत रखा जाता है और रात के समय में चंद्र देव की पूजा करते हैं और उनको अर्घ्य अर्पित करके पारण करते हैं. इसके साथ ही यह व्रत पूर्ण होता है. इस व्रत में चंद्रमा की पूजा महत्वपूर्ण है, इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है.
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